My Orkut (an online community) Profile description for 4 months (Oct-Jan 2007): the poem helped me survive through those tough times
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No more: Booze, AOE & RomComs (From Dec, 2007)
Believe me it is not impossible...at least worth giving a shot at (both above and below).
एक ऐसा गीत गाना चाहता हूँ,
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाहता हूँ,
दोस्तों से दोस्ती तो हर कोई निभाता है..
दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूँ,
जो हम उड़े ऊँचाई पे अकेले, तो क्या नया किया..
साथ मे हर कीसी के पंख फैलाना चाहता हूँ,
वो सोचते हैं कि मैं अकेला हूँ उनके बिना..
तनहाई साथ है मेरे, इतना बताना चाहता हूँ..
ए खुदा, तमन्ना बस इतनी सी है.. कबूल करना..
मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाहता हूँ,
बस खुशी हो हर पल, और महकें येह गुलशन सारा “अभी”..
हर किसी के गम को, अपना बनाना चाहता हूँ,
एक ऐसा गीत गाना चाहता हूँ,
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाहता हूँ |
P.S. It will be back on the place where it deserves the most!
13 years ago
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